कब्ज़ एक ऐसी परेशानी है जिससे हर दूसरा व्यक्ति झूझ रहा है। कई बार उल्टा सीधा खाना खा लेने के कारण पेट में कब्ज़ की समस्या बन जाती है जिससे मल त्यागने में काफी परेशानी होती है औऱ जोर लगाना पड़ता है। एक तरह से इस छोटी सी परेशानी को खतरनाक भी कहा जा सकता है क्योंकि लगातार कब्ज़ रहने से पाइल्स यानि बवासीर जैसी बीमारी भी पैदा कर सकती है।
कब्ज़ क्या है? (Constipation meaning in hindi)
वैसे तो कब्ज़ एक छोटी सी परेशानी है लेकिन ये कभी भी गंभीर रूप ले सकती है। क्योंकि पेट साफ ना होने के कारण तमाम तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। जब व्यक्ति एक सप्ताह में केवल तीन बार ही मल त्याग करता है तो इस स्थिति को ही कब्ज़ कहते हैं। इस दौरान व्यक्ति को मल त्याग करने में काफी जोर लगाना पड़ता है। कब्ज़ की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है।


कब्ज़ होने का कारण (constipation causes)
आमतौर पर कब्ज़ की समस्या जीवनशैली और खानपान में बदलाव के कारण होता है। ये कोई बीमारी नहीं है बल्कि शऱीर में होने वाली कमियों के कारण कब्ज़ की स्थिति पैदा हो जाती है। कब्ज़ होने के कई कारण हैं जैसे-
1.दवाइयों का सेवन
आमतौर पर लोग हर छोटी- बड़ी बीमारी में दवाइयों का सेवन करते हैं, इसके अलावा कुछ गंभीर बीमारी में लोग लगातार दवाइयों का सेवन करते हैं जिसके कारण पेट में गैस बन जाती है और कब्ज़ की समस्या हो जाती है। खासतौर पर दर्द निवारक दवाइयां ही कब्ज़ पैदा करती हैं।
2.गर्भावस्था में कब्ज़
गर्भवती महिलाओं को कब्ज़ होना आम बात है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का स्तर अधिक और मोटीलिन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है जिसके कारण कब्ज़ की शिकायत हो जाती है। इसके अलावा गर्भावस्था में महिलाएं आयरन का सेवन ज्यादा करती हैं जिसके कारण ये परेशानी होती है।
3.शारीरिक मेहनत की कमी
शारीरिक मेहनत की कमी के कारण कब्ज़ होना आम बात है। जो लोग शारीरिक श्रम नहीं करते हैं उनकी मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं जो कब्ज़ का कारण बन जाती हैं।
4.तनाव
कई बार तनाव भी कब्ज़ का कारण बन जाता है। तनाव की वजह से हार्मोन आंत में संक्रमण पैदा करते हैं जिसके कारण मल त्यागने में परेशानी होती है। इसके अलावा जो व्यक्ति तनाव में होता है वो ठीक से भोजन नहीं कर पाता और ये पेट के सिस्टम के लिए हानिकारक होता है।
5.अपर्याप्त नींद
नींद पूरी ना होने के कारण कई तरह की परेशानी हो जाती है। औऱ आजकल की इस व्यस्त जीवनशैली में लोगों पर काम का इतना प्रेशर है कि वो अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते और ये पाचन तंत्र को प्रभावित करती है जिससे कब्ज़ हो जाता है।


कब्ज़ के लक्षण (constipation symptoms)
जो लोग कब्ज़ की समस्या से परेशान होते हैं उन्हे खुद ही पता लग जाता है कि उन्हे कब्ज़ की दिक्कत हो गई है क्योंकि इस समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को मल त्यागने में परेशानी होती है, लेकिन इसके अलावा भी कब्ज़ को कई लक्षणों (kabj ke lakshan) से पहचाना जा सकता है जैसे-
1. मलत्याग करने में जोर लगाना।
2.हमेशा पेट में दर्द रहना और भूख ना लगना।
3.पेट में गैस बनना और हमेशा मल त्यागने की इक्छा होना।
4.कब्ज़ के कारण सिर में दर्द रहना।
5.पूरे दिन सुस्ती रहना, पिण्डिलियों में दर्द रहना।
6.त्वचा में मुँहासे या फुंसियाँ निकलना।


कब्ज़ का इलाज (Kabj ka ilaj)
कब्ज़ एक ऐसी बीमारी है जिसके लिए डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं है, इस बीमारी को घर में ही कुछ घरेलू उपचार () से ठीक किया जा सकता है जैसे-
1.फाइबर का सेवन
जिस व्यक्ति को कब्ज़ की समस्या होती है उसे रोज़ाना खाने में करीब 18 ग्राम से 30 ग्राम ताजे फल, फोर्टीफाइड अनाज और सब्जियां खाना चाहिए।
2.हाइड्रेटेड रहें
अगर आपको हमेशा कब्ज़ की शिकायत रहती है तो ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं, क्योंकि पानी हमारे शरीर को हाइड्रेट रखता है और पेट को भी साफ रखता है। जिससे पेट संबंधित कोई भी समस्या नहीं होती है।
3. नियमित व्यायाम करना
अगर आपको हमेशा पेट संबंधित परेशानी रहती है तो रोज़ाना सुबह व्यायाम करें या पार्क में घूमें। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करना बहुत ज़रूरी है। शरीर के आधे रोग तो व्यायाम से ही दूर हो जाते हैं।
4.दूध पीएं
रोज़ाना रात में खाना खाने के बाद 1 गिलास दूध ज़रूर पीएं, दूध पेट को साफ करता है औऱ मल भी टाइम से होता है जिससे कब्ज़ की परेशानी नहीं होती है।
5.जीरा और अजवाइन
जीरा और अजवायन कब्ज़ को ठीक करने का एक बेहतरीन उपाय है। इसके लिए जीरा औऱ अजवाइन को धीमी आंच पर भून लें, इसमें काला नमक डालकर मिलाएं औऱ रख दें। इस मिश्रण को रोज़ाना रात में आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ पिएं। ये कब्ज़ का सबसे रामबाण इलाज है।
कब्ज़ के अन्य इलाज
जब तमाम कोशिशों के बाद भी कब्ज़ का इलाज (kabj ka jad se ilaj) नहीं हो पाता है तो अक्सर इसे ठीक करने के लिए लोग सप्लीमेंट का सहारा लेते हैं। लेकिन ध्यान रहे इन सप्लीमेंट्स का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें। यदि आप कोई जानकारी चाहते हैं तो हमाके डॉक्टर से भी बात कर सकते हैं।