किसी भी तरह का कैंसर तब शुरू होता है जब स्वस्थ कोशिकाओं का डीएनए खराब हो जाता है, इस स्थिति में कोशिकाएं बदल जाती हैं और नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर को घातक कहा जा सकता है क्योंकि ये शरीर में फैलकर अन्य स्वस्थ भागों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
क्या है न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर? (what type of cancer is neuroendrocrine ?)
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर कभी भी कैंसर बन सकता है, यह स्रावी ग्रंथियों पर प्रभाव डाल कर हार्मोन्स संचरण करवाती है और ये संचरण तंत्रिका तंत्र को कंट्रोल करता है। न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर या न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर उस स्थिति को कहा जाता है जब तंत्रिकाओं की हॉर्मोन्स निकालने वाली इन ग्रंथियों की कोशिकाएं नियंत्रित ना हो, और अनियंत्रित ढंग से काम करने लगे। इस स्थिति में ही न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर पैदा होता है जो पीड़ित व्यक्ति की जान भी ले सकता है।


न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर के लक्षण (neuroendocrine cancer symptoms)
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर के लक्ष्मण की बात करें तो इसके लक्षण कुछ अलग ही तरह के नजर आते हैं, इस ट्यूमर से पीड़ित व्यक्ति को हमेशा हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है इसके अलावा एंग्जाइटी अटैक, बुखार, सिरदर्द, अधिक पसीना आना, मितली, उल्टी, दिल की धड़कनों का अनियंत्रित तरीके से धड़कना आदि सब न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर के लक्षण हैं। इसके अलावा अगर ये ट्यूमर बढ़ता है तो इससे पीड़ित व्यक्ति के पेट में दर्द, पीलिया, गैस्ट्रिक अल्सर, आंतों में दिक्कत और वजन कम होने जैसी परेशानी भी दिखाई देने लगती है।
न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर के प्रकार (types of neuroendrocrine cancer)
आमतौर पर न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर तीन प्रकार के होते हैं-
1. फियोक्रोमोसाइटोमा
2. मेर्केल सेल कैंसर
3. न्यूरोएंडोक्राइन कार्सिनोमा


न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर का इलाज (neuroendrocrine cancer treatment)
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर या न्यूरोएंडोक्राइन एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। यह बीमारी पीड़ित व्यक्ति की जान तक ले सकती है अगर समय रहते इसका इलाज ना हो तो यह बहुत ही दर्दनाक स्टेज पर पहुंच जाता है। जिसके बाद उसका उपचार करना लगभग असंभव हो जाता है। डॉक्टर के अनुसार इस बीमारी को कई तरीके से ठीक किया जा सकता है जैसे-
1.सर्जरी
किसी भी तरह के कैंसर को ठीक करने के लिए सर्जरी का सहारा लिया जाता है जब कैंसर अपने दुर्लभ स्थिति पर होता है तो डॉक्टर हमेशा रोगी की जान बचाने के लिए सर्जरी का सहारा लेते हैं, कैंसर की सर्जरी में कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं को बाहर निकाला जाता है जिससे यह शरीर में और ना फैले और पीड़ित व्यक्ति की जान बच सके।
2.रेडिएशन थेरेपी
अन्य कैंसर की तरह ही न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर को रेडिएशन थेरेपी से ठीक किया जा सकता है। रेडिएशन थेरेपी एक ऐसी थेरेपी है जिसका इस्तेमाल ट्यूमर और कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जाता है। न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर की स्थिति में भी रेडिएशन थेरेपी बहुत रामबाण है डॉक्टर इस थेरेपी को करवाने की सलाह तब देते हैं जब न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर दूसरे या तीसरे स्टेज में होता है।
3.कीमियोथेरेपी
आमतौर पर कीमोथेरेपी का इस्तेमाल सभी प्रकार के कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने के लिए किया जाता है। जब कैंसर अपने अंतिम स्टेज में होता है तो डॉक्टर कीमोथेरेपी करवाने की सलाह देते हैं इस थेरेपी में सबसे पहले एक्सरे करके देखा जाता है कि कैंसर की कोशिकाएं कितनी शक्तिशाली है, उसके बाद इन्हें कीमोथेरेपी के जरिए नष्ट किया जाता है।
डॉक्टर्स की मानें तो न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर ज्यादातर 50 से 60 की उम्र पार कर चुके व्यक्तियों को ही होता है। ये कैंसर ज्यादातर पुरुषों को ही होता है जो बेहद खतरनाक माना जाता है। इसके अलावा न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर से जुड़ी और जानकारी पाने के लिए आप हमारे डॉक्टर और विशेषज्ञों से भी सलाह ले सकते हैं।