हड्डियों से जुड़ी समस्याओं के इलाज के लिए उजाला सिग्नस को क्यों चुनें?
हमने ठीक किए हैं 1,00,000 से ज़्यादा मरीज़
हमारे पास है अनुभवी हड्डियों के डॉक्टर और सर्जन की टीम
अत्याधुनिक हड्डियों का विभाग
हमारे अस्पताल हैं हर प्रकार की हड्डियों से जुड़ी हुई समस्याओं और उनकी सर्जरी के लिए नए उपकरणों से सुसज्जित


हमारे अस्पतालों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं
हम हर प्रकार की हड्डियों से जुड़ी हुई समस्याओं का इलाज करते हैं
ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी
- गठिया उपचार
- टोटल हिप प्रतिस्थापन
- टोटल घुटने प्रतिस्थापन
- टोटल शोल्डर रिप्लेसमेंट
- टोटल कोहनी प्रतिस्थापन
- कलाई प्रतिस्थापन
- हाथ के जोड़ का प्रतिस्थापन
- टखने के जोड़ का प्रतिस्थापन
- न्यूनतम इनवेसिव घुटने की सर्जरी
ऑर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी
- घुटने के लिए ऑर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी
- कंधे के लिए ऑर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी
- कोहनी के लिए ऑर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी
- टखने के लिए ऑर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी
- हिप के लिए ऑर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी
- ट्रॉमा और फ्रैक्चर सर्जरी
- अंग की लंबाई बढ़़ाना (लिंब लेंदनिंग)
- जोड़ों का संलयन
तुरंत अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए
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Awards & Achievement



Ayushmaan Bharat
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Testimonials
काफी अस्पतालों में जाने के बाद हमारी खोज उजाला सिग्नस अस्पताल पर खत्म हुई। यहां पर डॉक्टर प्रतीक अहलावत ने इंदरजीत का केस संभाला और ऑस्टियोअर्थराइटिस की समस्या होने की वजह से घुटना प्रतिस्थापन करवाने की सलाह दी। कुरूक्षेत्र स्थित उजाला सिग्नस अस्पताल में सरकार द्वारा लॉंच की गई आयुष्मान योजना की सुविधा दी जाती है जिसका हमने फायदा उठाया और मेरे भाई इंदरजीत का इलाज इस योजना के तहत मुफ्त में हुआ। अस्पताल में इस योजना के उपलब्ध होने की वजह से और डॉक्टर प्रतीक अहलावत की वजह से आज मेरे भाई के घुटनों की समस्या पूरी तरह से ठीक हो गई है और वो अब बिना दर्द के चल पा रहा है। उजाला सिग्नस अस्पताल का बहुत-बहुत धन्यवाद।
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Frequently Asked Questions
टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को आर्थोप्लास्टी के नाम से भी जाना जाता है। घुटने की क्षतिग्रस्त या घिसी हुई सतहों को बदलने के लिए टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी की प्रक्रिया को अपनाया जाता है। इस प्रक्रिया के तहत आर्थोपेडिक सर्जन इन सतहों को प्रत्यारोपण या कृत्रिम अंग के साथ बदल देता है जिसकी वजह से दर्द की परेशानी दूर हो जाती है और साथ में गतिशीलता भी बढ़ जाती है और घुटनों के मूवमेंट में दिक्कत नहीं आती है।
- आपके घुटनों का दर्द काफी लंबे समये के लिए बना रहना और बार-बार होना।
- आपके घुटनों का दर्द इतना तीव्र होना और आपको इस वजह से नींद ना आना।
- घुटने की सतह का कठोर हो जाना या सूज जाना।
- घुटने की गति में कमी होना।
- घुटने मोड़ने में दिक्कत का सामना करना।
- व्यायाम के दौरान और बाद में घुटनों में तेज दर्द होना।
- किसी भी गतिविधि को घुटनों में दर्द होने की वजह से न कर पाना।
- दवा और अन्य उपचारों को अपनाने के बाद भी आराम ना मिलना।
- चलने, जॉगिंग में या सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाई होना।
- सुबह की जकड़न, जो आम तौर पर 30 मिनट से भी कम समय तक रहती है, का सामना करना।
- पहले कोई एसीएल चोट लगने की वजह से
अगर आप पुराने घुटने के दर्द और सूजन से परेशान हैं तो घुटने का प्रतिस्थापन एक बहुत अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। यदि आपके घुटनों की समस्या को दवाओं और गैर-शल्य चिकित्सा से आराम नहीं मिल रहा है तो सर्जरी पर विचार करना बुद्धिमानी है। उजाला सिग्नस अस्पताल में मौजूद एक्सपर्ट और अनुभवी डॉक्टर के साथ परामर्श करने से आपको लगातार हो रहे घुटनों में दर्द और सूजन से राहत मिल सकती है।
नी रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाने वाले मरीज़ों में कुछ ही हफ्तों के भीतर अच्छा सुधार देखने को मिलता है। सर्जरी के बाद एक नई ग्लाइडिंग सतह का निर्माण होता है जिसकी वजह से घुटनों को दर्द से राहत मिलती है। करीब एक-दो महीने बाद ज्यादातर मरीज आराम से सहारे के साथ चलने लगते हैं। एक बार जब मांसपेशियों में ताकत वापस आ जाती है तो मरीज़ आराम से रोजमर्रा की गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।
टोटल हिप रिप्लेसमेंट जिसे आर्थोप्लास्टी भी कहा जाता है, एक आम लेकिन बड़ी ऑर्थोपेडिक सर्जरी है। न्यूनतम इनवेसिव हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के द्वारा कूल्हे के जोड़ को प्रत्यारोपण या प्रोस्थेसिस से बदला जाता है जिसकी वजह से दर्द में आराम मिलता है और गतिशीलता में सुधार होता है। हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद आप रोजमर्रा की गतिविधियों को आराम से कर सकते हैं।
एक मरीज़ को हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाने की सलाह तब दी जा सकती है जब उसका कूल्हा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया हो। कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं, कूल्हे के जोड़ को खराब कर सकती हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं
- कूल्हे के जोड़ की चोट या फ्रैक्चर
- कूल्हे के जोड़ में हड्डी ट्यूमर
- ऑस्टियोआर्थराइटिस
- ऑस्टियोनेक्रोसिस
- रूमेटाइड गठिया
कूल्हे के जोड़ का इस तरह खराब होना काफी दर्दनाक हो सकता है और आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में होने वाली गतिविधियों में कठिनाई पैदा कर सकता है।
ज्यादातर हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की प्रक्रिया में ढाई घंटे का समय लगता है। इसमें से कुछ समय स्टाफ के द्वारा सर्जरी के लिए तैयारी करने में लगता है। हमारे डॉक्टर आप से सर्जरी के बारे में विस्तार से बात करेंगे, जिसमें सर्जरी होने में कितना समय लगेगा, ऐसी जानकारी भी में शामिल होती है। सर्जरी के बाद डॉक्टर की सलाह से आप जल्द ही खड़े हो सकते हैं और चल सकते हैं। सीधे तौर पर देखा जाए तो सर्जरी के बाद आप कुछ ही हफ्तों में कम ताकत लगने वाली गतिविधियों को कर सकते हैं। आप पूरी तरीके से 6 महीनों में ठीक हो सकते हैं।
यह एक बेहद जटिल प्रक्रिया है जिसके तहत कंधे के जोड़ों की क्षतिग्रस्त हड्डियों को कृत्रिम जोड़ों के साथ प्रतिस्थापित किया जाता है, जख्मी ऊतकों को हटा दिया जाता है, और मांसपेशियों को बैलेंस किया जाता है जिससे हाथ की काम करने की क्षमता बढ़ जाती है।
इस सर्जरी को करने के लिए अनुभवी और एक्सपर्ट शोल्डर रिप्लेसमेंट करने वाले सर्जन की कुशल टीम की आवश्यकता होती है।
उचित उपचार और हाथ की देखभाल के साथ, रोगियों को हाथ को हिलाने की और उससे जुड़ी हुई गतिविधियां करने की पर्याप्त स्वतंत्रता मिल सकती है।
कंधे प्रतिस्थापन कई तरह की गठिया की समस्या के लिए फायदेमंद हो सकता है। इन समस्याओं में प्रमुख ऑस्टियोआर्थराइटिस और इंफ्लेमेटरी ऑर्थराइटिस है। ऐसा भी होता है कि कुछ मरीज़ों को इन स्थितियों में कम दर्द का सामना करना पड़ता है और उनके कंधों की गतिशीलता भी बेहतर होती है।
प्रमुख स्थितियां जिनमें कंधे प्रतिस्थापन से मदद मिल सकती है:
- रोटेटर कफ टियर्स
- शोल्डर इंपिंजमेंट का इम्प्लीमेंट
- टेंडोनाइटिस
- उखड़े हुए कंधे या डिसलोकेटेड शोल्डर
- फ्रोजन शोल्डर
- कंधे की गठिया
- स्ट्रेस फ्रैक्चर
- लिगामेंट टियर्स
ठीक होने का समय व्यक्ति पर निर्भर करती है। सामान्य तौर पर एक व्यक्ति को पूरी तरह से ठीक होने में कम से कम 8 हफ्ते लगते हैं। वहींं, सर्जन की माने तो कुछ लोगों को ठीक होने में कई महीने भी लग सकते हैं।
सर्जरी के बाद मरीज़ कब क्या कर सकता है?
सर्जरी के तुरंत बाद:सर्जरी के बाद मरीज़ अपने हाथ और अपनी कलाई को इस्तेमाल करने की अनुमति होती है।
सर्जरी के एक दिन बाद: रोगी के हाथ को कुछ समय के लिए स्लिंग का सहारा दिया जाता है, इस दौरान रोगी को थोड़ा दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द सर्जरी का होता है क्योंकि गठिया का दर्द सर्जरी के माध्यम से ठीक किया जा चुका होता है।
सर्जरी के दूसरे दिन: सर्जरी सफलतापूर्वक हुई या नहीं इस बात की पुष्टि करने के लिए दूसरे दिन एक्स-रे किया जाता है।
6 हफ्तों बाद: मरीज़ को अपने कंधे और हाथ से जुड़ी हुई गतिविधियों को करने की अनुमति होती है। याद रहे कि हल्की-फुल्की गतिविधियां करना ही आपके लिए फायदेमंद है।
8 हफ्तों में (कुछ मामलों में): रोगियों को सक्रिय रूप से अपने हाथ और कंधे का उपयोग करने की अनुमति है।
3 महीने: रोगियों को कंधे की गति बढ़ाने की कुछ सीमा तक की अनुमति दी जाती है लेकिन इस दौरान मरीज़ को कुछ कमजोरी का अनुभव भी हो सकता है।
उजाला सिग्नस चेन ऑफ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स की 13 इकाईयां, उत्तर भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में कई तरीके की विशेषताएं और बेड्स की सुविधा प्रदान करती हैं। एनएबीएच प्रमाणित, उजाला सिग्नस चेन ऑफ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स का उद्देश्य, मरीज़ों का किफायती दाम में गुणवत्ता इलाज करना है। सभी थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर यानी टीपीए के द्वारा हमें प्रमाणता भी हासिल है। इसमें ईसीएचएस, ईसीआई, आयुष्मान भारत और हरियाणा सरकार शामिल हैं।
हम निम्नलिखित इलाज प्रदान करते हैं –
- कुरुक्षेत्र में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी
- पानीपत में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी
- सोनीपत में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी
- कैथल में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी
- बहादुरगढ़ में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी
- करनाल में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी
- रेवाड़ी में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी