क्या होता है लो ब्लड प्रेशर और क्या हैं इसके प्रकार?
Low blood pressure: आजकल की दौड़ती भागती जिंदगी में ब्लड प्रेशर की शिकायत का होना तो जैसे आम बात हो गई है। कुछ लोग लो ब्लड प्रेशर (low BP) की समस्या से परेशान रहते हैं तो कुछ लोग हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) का सामना समय-समय पर करते रहते हैं। इस आर्टिकल में आज आप लो ब्लड प्रेशर की परिभाषा और उसके प्रकार के बारे में जानेगे।लेकिन उससे पहले मैं आपको बता दूं कि लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्या को हल्के में बिल्कुल भी ना लें क्योंकि इससे ऑर्गन फैलियर हो सकता है इसके साथ ही आप को हार्ट अटैक पड़ने की संभावना भी पैदा हो सकती है.
लो ब्लड प्रेशर है क्या? (What is low blood pressure in hindi)
लो ब्लड प्रेशर (low blood pressure) या लो बीपी (low bp) को हाइपोटेंशन (hypotension) के नाम से भी जाना जाता है. किसी भी व्यक्ति के शरीर में लो ब्लड प्रेशर की अवस्था तब पैदा होती है (causes of low blood pressure) जब रक्तचाप सामान्य से काफी कम हो जाता है. अगर सीधी भाषा में बात करें तो रक्तचाप कम होने पर दिल , मस्तिष्क और शरीर के अन्य भागों में पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता है। अगर सामान्य रक्तचाप की बात करें तो उसकी मात्रा 120/80 (low blood pressure chart) होनी चाहिए लेकिन जब किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 90/60 (blood pressure low kab hota hai) से नीचे चला जाता है तो उसे लो बीपी या हाइपोटेंशन (hypotension) की समस्या होने लगती है
लो ब्लड प्रेशर के प्रकार (types of hypotension)
ऊपर हमने लो ब्लड प्रेशर की परिभाषा (low blood pressure definition) जानी अब हम ये जानेंगे की आखिर लो ब्लड प्रेशर के प्रकार (types of low BP) कितने होते हैं।
ऑर्थोस्टेटिक या पोस्ट ओरल हाइपोटेंशन (orthostatic or postural hypotension): यह वह अवस्था है जब आप बैठने के पोस्चर (sitting posture) में खड़े होते हैं और उस दौरान ग्रेविटी पैरों में खून जमा देती है जिसकी वजह से रक्तचाप (low blood pressure) में गिरावट आ जाती है. वैसे तो आमतौर पर यह प्रकार बुजुर्गों में देखा जाता है लेकिन यह समस्या युवाओं पर भी असर करती है।
ऑर्थोस्टेटिक या पोस्ट ओरल हाइपोटेंशन (orthostatic or postural hypotension): यह वह अवस्था है जब आप बैठने के पोस्चर (sitting posture) में खड़े होते हैं और उस दौरान ग्रेविटी पैरों में खून जमा देती है जिसकी वजह से रक्तचाप (low blood pressure) में गिरावट आ जाती है. वैसे तो आमतौर पर यह प्रकार बुजुर्गों में देखा जाता है लेकिन यह समस्या युवाओं पर भी असर करती है।
खासतौर से उन युवाओं को जो सेडेंटरी जीवनशैली (sedentary lifestyle) का पालन करते हैं ऐसे लोग जो फिट रहने में विश्वास रखते हैं और लंबे समय तक पैरों पर खड़े रहने के बाद कुछ समय के लिए बैठने के बाद अचानक से खड़े हो जाते हैं. ऐसा होने पर हल्का सा चक्कर ( Lightheadedness or dizziness ) जैसा महसूस होता है वैसे यह समस्या आम है इसलिए इसमें किसी खास प्रकार के ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती है।
पोस्टप्रांडियल हाइपोटेंशन (postprandial hypotension): यह अवस्था तब होती है जब खाने के बाद आपका ब्लड प्रेशर गिर (drop in blood pressure after meal) जाता है. यह ज्यादातर उन बुजुर्ग लोगों को होता है जिनमें हाइपरटेंशन (hypertension) डायबिटीज (diabetes) जैसी समस्याएं होती है. आपको बता दें कि खाना खाने के बाद पेट और आंतों को खाने को पचाने के लिए खून का प्रवाह ज्यादा चाहिए होता है लेकिन शरीर पेट और आंतों की इस डिमांड को पूरा नहीं कर पाता है जिसकी वजह से रक्त में खून में बनने वाला प्रेशर गड़बड़ा जाता है और ब्लड प्रेशर गिर जाता है
इस प्रकार की समस्या थोड़ी ध्यान देने वाली है क्योंकि इससे ना केवल चक्कर आता है बल्कि इसकी वजह से कभी कभी बेहोश (fainting in low bp) होकर व्यक्ति गिर भी सकता है जिसकी वजह से गहरी चोट भी लग सकती है. इसके इलाज की बात करें तो डाइट (diet plan) को बेहतर करके और खाना खाने के बाद की गतिविधियों में सुधार करके से बचा जा सकता है।
नेउरेली मेडिएटेड हाइपोटेंशन (neurally mediated hypotension) : इस प्रकार की लो ब्लड प्रेशर अवस्था में दिमाग को कुछ ऐसा संकेत मिलता है जिससे इंसान काफी ज्यादा घबरा जाता है और उसका रक्तचाप काफी नीचे गिर जाता है. उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति कोई डरावना सीन देखले जिसमें खून बह रहा हो तो दिल औप दिमाग के बीच बनने वाले रिफ्लेक्स डामाडोल हो जाता है और ब्लड प्रेशर गिर जाता है। ये अवस्थाभी गंभीर है क्योंकि ऐसा होने पर चक्कर (dizziness) आना उल्टी (nausea) जैसा लगना गिरना (faint and fall) या किसी चीज से टकराने की संभावना बढ़ जाती है और पीड़ित को गंभीर चोटे आ सकते हैं। जीवन शैली में हल्के-फुल्के बदलाव करके समस्या से बचा जा सकता है।
सीवियर हाइपोटेंशन (severe hypotension): इस प्रकार के हाइपोटेंशन का मतलब होता है ब्लड प्रेशर का 90/60 एमएम से नीचे गिरना. ऐसा होने पर दिमाग में पर्याप्त खून नहीं पहुंच पाता है जो जान के लिए काफी ज्यादा हानिकारक होता है. ऐसी स्थिति सदमे लगने पर ज्यादा पैदा होती है. इसके अलावा जब किसी चोट के लगने के बाद शरीर से ज्यादा खून निकल जाता है या शरीर जल जाता है शरीर में पानी की कमी (dehydration) हो जाती है तो भी पैदा हो सकती है. इस प्रकार का हाइपोटेंशन जान के लिए काफी ज्यादा हानिकारक है इसलिए इसको गंभीर इलाज की जरूरत होती है.
तो ये थे लो ब्लड प्रेशर के प्रकार और परिभाषा। अगले लेख में हम आपको बताएंगे कि लो ब्लड प्रेशर के कारण और लक्षण क्या होते हैं।
यदि आप भी लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्या से परेशान हैं तो हमारे एक्सपर्ट के साथ नीचे दिए बटन पर क्लिक कर के अपना एपॉइंटमेंट बुक करें।